बारा जिले के अमलसरा गाँव में विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के पुनर्वास को लेकर 5 वर्ष पूर्व राजस्थान सरकार, वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के बीच MOU हुआ था, परन्तु वर्तमान सरकार के 5 वर्ष पुरे होने पर भी इस प्रजनन केंद्र को लेकर सरकार सुस्त ही नजर आ रही है | विभिन्न कारणों से रुके हुए इस प्रोजेक्ट को लेकर अब हाड़ौती के वन्यजीव प्रेमी और स्थानीय ग्रामीण एकजुट हो गए हैं।
राजस्थान के जैसलमेर में गोडावण प्रजनन केंद्र में गोडावण के चूजे जन्म लेने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी है। वहीं, बारां के अमलसरा में अब तक गोडावण ब्रीडिंग सेंटर नहीं खुलने से हाड़ौती भर के वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों में निराशा छाई हुई है, जबकि दोनों सेंटर खोलने की एक साथ घोषणा हुई थी। अमलसरा में गोडावण प्रजनन केंद्र परियोजना को शीघ्र शुरू करने की मांग को लेकर अमलसरा ग्राम पंचायत पर हाड़ौती भर से आए वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों ने सोमवार को चौपाल का आयोजन किया। सभी ने एकराय होकर अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की रूपरेखा बनाई है।