राज्यसभा चुनावों में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने बीजेपी समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को वोट देने की घोषणा कर दी है। आरएलपी की इस घोषणा के बाद सियासत गर्मा गई है। कई विधायक और कांग्रेस समर्थक नेता हनुमान बेनीवाल पर निशाना साध रहे हैं।
चौथी सीट जीतने के लिए मचे घमासान में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज हो गया है। मंत्री महेश जोशी आज इस मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करेंगे। इससे पहले वे एसीबी में परिवाद भी दर्ज करा चुके हैं।
बेनीवाल पर लग रहे आरोप
आरएलपी के तीनों विधायकों के निर्दलीय सुभाष चंद्रा को वोट देने की घोषणा के बाद कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने बेनीवाल की पार्टी पर निशाना साधा और इसे किसान विरोधी फैसला करार दिया है । वहीं, आप के राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा ने भी बेनीवाल पर 40 करोड़ रुपए लेकर चंद्रा को समर्थन देने का आरोप लगाया है।
मदेरणा ने ट्वीट करके बेनीवाल की पार्टी पर तंज कसा है। दिव्या ने लिखा- रालोपा भाजपा की B टीम है। यह किसान विरोधी निर्णय है। कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला किसान वर्ग से हैं। किसान हितैषी होते तो उनके पक्ष में समर्थन में मतदान का निर्णय लेते ।
मदेरणा ने कहा बेनीवाल ने किसान आंदोलन के बहाने बीजेपी से गठबंधन तोड़। अब भाजपा के उतारे हुए उम्मीदवार सुभाष चंद्रा जी को वोट देंगे। इनका चैनल आंदोलनकारी किसानों को आतंकवादी खालिस्तानी कहता था। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और।
बेनीवाल और दिव्या के बीच लंबे समय से मतभेद
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा के बीच लंबे समय से तल्खियां बढ़ी हुई हैं। दिव्या मदेरणा ने हाल ही खींवसर का दौरा करके बयान दिया था कि यहां का सियासी तापमान नाप लिया है। अब सुभाष चंद्रा को समर्थन देने के बाद दिव्या मदेरणा को बेनीवाल पर सियासी हमला करने का मौका मिल गया है। बेनीवाल ने किसान बिलों के मुद्दे पर ही एनडीए से अलग होने का फैसला किया था।
सीट विक्रेता बताया
राज्यसभा चुनाव में जीत को लेकर चल रही खींचतान में आप पार्टी भी शामिल हो गई है। पाटी प्रभारी ने हनुमान बेनीवाल को राज्यसभी सीट विक्रेता बताया है। मिश्रा ने ट्वीट कर बेनीवाल पर आरोप लगाए हैं। हालांकि, राजस्थान में आप पार्टी को कोई एमएलए नहीं है, इसलिए इन चुनाव में उसके पास कुछ खोने या पाने के लिए नहीं है। पंजाब जीत के बाद पार्टी राजस्थान में अपने प्रसार की कोशिश में है।