दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल उदयपुर बारिश से खिल उठा है। जगह-जगह बहते झरने, हरी-भरी वादियां, पेड़ों-जंगलों के बीच कलकल बहती नदियां और नहरें। छोटे-छोटे पहाड़ों पर आजकल बादल ठहरे हुए हैं और पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बरसात से तालाब, बांध भर चुके हैं।
हाल ही में ट्रैवल एंड लीजर मैग्जीन ने उदयपुर को दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ शहरों की रैंकिंग में जगह दी है। इसी के साथ राजस्थान में एक्टिव मानसून ने उदयपुर के आसपास के इलाकों की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए हैं।
पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले उदयपुर का नजारा इन दिनों देखते ही बनता है। झीलें और झरने मुस्कुरा रहे हैं। राह चलते लोग रुक-रुककर दो पल के लिए इन्हें निहार लेना चाहते हैं।
लोनावला की तरह लगने लगा उदयपुर
उदयपुर में एक दिन पहले भी जबर्दस्त बरसात हुई। इसके बाद उदयपुर-पिंडवाड़ा रोड पर पहाड़ों से पानी सड़कों पर गिरने लगा। इतना सुंदर नजारा था कि मानो लोनावला में हों। चीरवा में फूलों की घाटी से भी पानी बह निकला। उदयपुर की तमाम पहाड़ियां हरी-भरी हो गई। केलेश्वर, कुंडेश्वर, कुकड़ेश्वर में झरने बह निकले। लखावली में भी पहाड़ों से पानी गिरने लगा। उदयपुर के बाहरी इलाकों में बहने वाली सभी नदियां बह रही हैं।
उदयपुर में 15 से ज्यादा झीलें, 12 से ज्यादा झरने
उदयपुर में 15 से ज्यादा महत्वपूर्ण झीलें और बांध हैं। छोटे-मोटे तालाब मिलाकर इनकी संख्या 25 के पार जाती है। यहां छोटे-बड़े 12 से ज्यादा झरने भी हैं। उदयपुर वो जगह है, जहां मानसूनी सीजन में शहरी सीमा से बाहर निकलते ही हर 5 किलोमीटर पर कोई न कोई झरना, तालाब, नहर या नदी बहती मिलती है।
उदयपुर में भरने लगे हैं बांध और झीलें
उदयपुर में पिछले 24 घंटों में काफी बरसात हुई। इससे यहां के बांधों और तालाबों में पानी आ गया है। ऋषभदेव 60 एमएम, वल्लभनगर में 55 एमएम, सेमारी में 50 एमएम, कोटड़ा और उदयसागर में 32 एमएम, झाड़ोल 29 एमएम, देवास में 28 एमएम और उदयपुर शहर में 22 एमएम बरसात हुई। मदार में भारी बरसात होने से बड़ा मदार बांध लगभग छलकने की कगार पर आ गया है।
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