राजस्थान के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा के काफिले में एक ही नंबर की दो लग्जरी कार ने मामले के खुलासे के बाद भीलवाड़ा पुलिस- प्रशासन के बीच हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस अब मंत्री के काफिले की इस कार के फर्जी नंबर प्लेट लगाकर घूमने वाले ड्राइवर की तलाश में जुट गई है।
जस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा का शुक्रवार को भीलवाड़ा दौरा सोशल मीडिया की चर्चाओं में बना हुआ है। दरअसल पता चला है कि भीलवाड़ा दौरे के वक्त उनके काफिले में एक ही नंबर की दो लग्जरी कारें चल रही थी। मामला उजागर होते ही अब भीलवाड़ा पुलिस-प्रशासन के बीच हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही प्रताप नगर थाना पुलिस सर्किट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालने में जुटी है। इधर सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य के एक काबीना मंत्री के काफिले में एक ही नंबर की 2 गाड़ियां कैसे शामिल हो गई। इस घटना के बाद इसे मंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक भी माना जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इनमें से एक गाड़ी आईएएस अधिकारी के पास लगी हुई है, जबकि इसी नंबर की दूसरी गाड़ी की नंबर प्लेट फर्जी है।
मंत्री रमेश मीणा के दौरे के समय भीलवाड़ा सर्किट हाउस में दो इनोवा कार के नंबर एक ही (RJ 14 TD 8964) थे। बता दें कि मंत्री रमेश मीणा भीलवाड़ा के सुखाड़िया स्टेडियम में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इस दौरान पता चला है कि एक ही नंबर की इन दो इनोवा कारों में से एक कार पंचायती राज विभाग में अनुबंधन पर लगी हुई है ,जो जयपुर के गोपालपरा निवासी अंगद जी के नाम रजिस्टर्ड है, लेकिन इसी नंबर की दूसरी कार किसकी थी, फिलहाल पता नहीं चल सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार यह दोनों कारें भीलवाड़ा के सर्किट हाउस में खड़ी थी, जब एक ही नंबर की दोनों कारों को मीडिया कर्मियों ने देखा, फोटो लेना शुरू किया तो एक कार मौके से रवाना हो गई । इसके बाद अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार में सवार लोगों की पहचान में जुटी है।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है पुलिस
प्रताप नगर थाना अधिकारी राजेंद्र गोदारा ने बताया कि सर्किट हाउस में लगे सीसीटीवी फुटेज को हम खंगाल रहे हैं। इनमें से एक गाड़ी विभाग के आईएएस अधिकारी की थी, जबकि हुबहू एक ही नंबर प्लेट की दूसरी गाड़ी के नंबर फर्जी है। यह गाड़ी मंत्री के काफिले में शामिल ना हो कर, पहले से ही सर्किट हाउस में खड़ी थी ।मंत्री के काफिले के सर्किट हाउस में पहुंचते ही और यह मामला उजागर होते ही 15 मिनट में ड्राइवर गाड़ी लेकर रवाना हो गया।
मादक पदार्थों की तस्करी में पुलिस को चकमा देने के लिए बनाते हैं फर्जी नंबर प्लेट
बताया जा रहा है कि अमूमन फर्जी नंबर प्लेट के वाहनों का उपयोग अवैध धंधा करने वाले विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्कर करते हैं, जिससे वह पुलिस को धोखा दे सके। भीलवाड़ा के जिला परिवहन अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि एक ही नंबर प्लेट की गाड़ी होने पर परिवहन विभाग मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ₹2000 का जुर्माना कर सकता है , मगर फर्जीवाड़े के आधार पर पुलिस में अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है ।