बारां. जिले के किसानों को सरसों अब सरसब्ज करने लगी है। अभी कुछ क्षेत्रों में सरसों की कटाई व थ्रेसिंग जोर पकड़ गई है। फिर बाद की बुवाई वाली सरसों की कटाई व थ्रेसिंग की कटाई शुरू होगी। ऐसे में आने वाले डेढ़ माह तक स्थानीय कृषि उपज मंडी में सरसों की बम्पर आवक से प्लेटफार्म फुल रहेंगे। जिले में इस वर्ष रबी में 1 लाख 43 हजार हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है तथा यहां 3 लाख मीट्रिक टन से अधिक सरसों के उत्पादन की उम्मीद कृषि विभाग के अधिकारी जता रहे हैं। शुरुआती दौर में सरसों के भाव 6200 से 7250 रुपए प्रतिक्विंटल रहने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं।
देश में राजस्थान में सर्वाधिक सरसों
उपनिदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में सरसों का उत्पादन (mustred production) अब तक के सभी रेकॉर्ड ध्वस्त कर देगा। देश में सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन राजस्थान में होता है तथा राजस्थान में सरसों का सर्वाधिक भरतपुर जिले में होता है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर अलवर जिला रहता है। इस वर्ष बारां जिला प्रदेश के टॉप फाइव सरसों उत्पादन जिलों में शामिल है। कम लागत की इस फसल के दाम अच्छे मिलने से किसानों को खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई की उम्मीद नजर आने लगी है।
15 मार्च तक हो जाएगा उत्पादन
उन्होंने बताया कि जिले में कटाई व थे्रसिंग का दौर जोर पकड़ गया है। फिलहाल अगेती बुवाई की सरसों मंडियों में पहुंच रही है। लेकिन आगामी 15 मार्च तक सरसों की थ्रेसिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद गेहूं व चने की फसल की कटाई व थ्रेसिंग शुरू होगी। रबी की फसलों की लिहाज से मौसम अनुकूल रहने से इनके अच्छे उत्पादन की संभावना है।
मध्यप्रदेश से भी होती है आवक
बारां कृषि मंडी में पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से भी सरसों की आवक होती है। वहां के गुना, शिवपुरी व श्योपुर जिले के बारां जिले की सीमा से सटे इलाकों के किसान सरसों को बेचने के लिए बारां व छबड़ा मंडियों में पहुंचते हैं। प्रमुख मंडी व्यापारी विमल बंसल का कहना है कि केन्द्र सरकार की ओर से स्टाक लिमिट समाप्त करने से इसके भाव में बढ़ोतरी हुई है। यह निर्णय किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
